एक विचार बच्चियों व महिलाओं पर दुष्कर्म व अत्याचार सदियों से होते रहे हैं।परन्तु आज के सभ्य समाज में जहाँ महिलायें पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिला कर आगे बढ़ रही हैं।कुछ महिलायें तो उन्नति के चरम शिखर पर भी विराजमान हो गयी हैं।आज महिलायें बुद्धिजीवी, उच्चतम पदों व उद्योगपति सभी दिशाओं में अपनी छाप छोड़ रही हैं।इस परिवेश में बच्चियों व महिलाओं पर किये जा रहे दुष्कर्म व अत्याचार बर्बर युग की याद दिलाते हैं।जैसा कि अभी भी इस्लामिक देशों में हो रहा है।पिछले दिनों एक वीडियो में एक महिला ने एक बहुत ही महत्वपूर्ण सुझाव समाज को दिया है, जिसमें उन्होंने बच्चे को बचपन से ही मानवीय मूल्यों की शिक्षा,समझदारी व महिलाओं के प्रति सम्मानजनक व्यवहार आदि सिखाये जाने का संदेश दिया है।आज जब कहीं दुष्कर्म की घटनायें होती हैं तो मीडिया द्वारा उसे बढ़ा-चढ़ा कर दिखाया जाता है।कई बार तो मीडिया खबरों के चलते दुष्कर्मी को अपने बचाव के लिये ढेर सारे सूत्र अनायास ही मिल जाते हैं।जिनके सहारे वह बच निकलता है।आज के बच्चे इंटरनेट के युग में पल-बढ़ रहे हैं जिसमें पश्चिमी सभ्यता का खुला व नंगापन दिखाया जाता है...