चिकित्सा जगत की ऊँची छँलांग- एक उपलब्धि

दुनि               
दुनिया में पहली बार हुआ खोपड़ी का ट्रांसप्लांट
अमेरिका के डॉक्टरों ने ट्रांसप्लांट सर्जरी के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने दुनिया में पहली बार किसी खोपड़ी और सिर की खाल के ट्रांसप्लांट को अंजाम दिया। ट्रांसप्लांट करवाने वाले 55 साल के व्यक्ति को कैंसर था, जिसके इलाज के दौरान सिर में एक गहरा जख्म हो गया था।एमडी एंडरसन कैंसर सेंटर और ह्यूस्टन मेथोडिस्ट हॉस्पिटल ने गुरुवार को ऐलान किया कि यह ऑपरेशन 22 मई को 15 घंटे तक चला और सफल रहा। ऑस्टिन के सॉफ्टवेयर डिवेलपर जेम्स बॉयसन ने इस ट्रांसप्लांट के साथ-साथ एक किडनी और पैनक्रिया का भी ट्रांसप्लांट करवाया। यह सर्जरी एक दिन तक चली।प्लास्टिक सर्जरी वाली टीम का नेतृत्व करने वाले डॉक्टर माइकल क्लेबक ने बताया कि यह नाड़ियों से जुड़ा बहुत जटिल ऑपरेशन था। उन्होंने कहा कि हमने खोपड़ी की हड्डी को बॉयसन के सिर की बाल उगाने वाली त्वचा में लगाया। वो भी इस तरह की हड्डी के साथ सिर्फ टिशू ही नहीं, बल्कि खून की नलियों भी बिना नुकसान पहुंचे ट्रांसप्लांट हो जाएं। क्लेबक ने कहा कि इस तरह का तिहरा ट्रांसप्लांटेशन पहले कभी सामने नहीं आया। हमारी जानकारी में किसी ने खोपड़ी और सिर की त्वचा के ट्रांसप्लांट की जानकारी नहीं दी है।सर्जरी के बाद बॉयसन की जारी तस्वीर में उनके सिर के ऊपर टांके दिखाई दे रहे थे। ये टांके उनके कानों से लगभग ढाई सेमी की ऊंचाई पर थे। यहां खोपड़ी और त्वचा को जोड़ा गया है। बॉयसन की खोपड़ी और उसकी त्वचा में कैंसर होने की वजह से कई बार सर्जरी हो चुकी है और इसके चलते उनकी खोपड़ी में गहरे जख्म हो गए थे। बॉयसन का इससे पहले 1992 में भी किडनी और अग्नाशय का ट्रांसप्लांट किया गया था। सर्जरी के बाद उन्होंने कहा, 'मैं बहुत अच्छा महसूस कर रहा हूं। इससे मैं बहुत खुश हूं। मैं हमेशा इस बात के लिए आभारी हूं कि मुझे अपनी पसंदीदा चीजों को करने और अपने प्यारे लोगों के साथ रहने का एक और मौका मिला।

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