उमंग-एक कविता

उमंग-एक कविता

लहरें उठें उमंग की प्रियतम आवन का संदेशा जब आये।
हूक उठे दिल धक-धक करे पुलकित जियरा मेरा घबराये।
प्रियतम संग मिलन करूँ मैं कैसे नयना अँसुआ बरसाये।
हाल जिया सखियाँ सब जानें मुखड़ा चुगली कर बतलाये।

रचनाकार- राजेश कुमारकानपुर

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