होली का त्यौहार- एक कविता

होली का त्यौहार- एक कविता
आज है होली का त्यौहार रंगे हैं धरती आसमान संसार।
रंगे पुते चेहरों संग झूमते नाचें सब बाल वृदध नर नार।
जात-पात ऊँच-नीच की ढही दीवारें रंगे है इक रंग में सारे।
बीते होली बाद सभी पर चढ़ा रहे ये रंग लगें इकरंगी सारे।
रचनाकार- राजेश कुमार, कानपुर

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