कार्टून की दुनिया -एक कविता
कार्टून की दुनिया -एक कविता
मेरा उदर बहुत
बड़ा है कुछ भी हैं हम चट कर जाते।
गोल मटोल पेट में
मेरे ढेरों लडडू हजम होते ही जाते।
बच्चों की इस अलबेली
दुनिया के हम चाँद सितारे हैं।
मौज मनायें मौज
कराते खुश होकर हम खुशियाँ बांटे।
छौनों की मुस्कान
की खातिर रंग बदलते भेष बदलते।
रोते हुओं को
हमीं हंसायें खुशियों का सागर छलकाते।
वृद्ध बाल युवा
जनों को हम अपने करतब दिखलाते।
जाति भेद ऊँच नीच
नाजाने सब बंधन हम हैं बिसराते।
गये रूठ जो नौनिहाल
दामन में उनके खुशियां बरसाते।
हम हैं टेढ़ी
मेढ़ी चालों से,टेढ़ी मेढ़ी राहों में दौड़ लगाते।
मुठ्ठी में भर लेते
दुनिया दौड़-दौड़ कर हम छुप जाते।
रचनाकार- राजेश कुमार, कानपुर
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