बिजली के खंभे पर पीपल का पेड़ + एफ जी के स्पोर्ट्स ग्राउन्ड के सामने एक बिजली का खंभा है।जिसकी चोटी पर एक पीपल का पेड़ उग आया है।अभी पिछले कुछ दिनों से देखा गया है कि बीच-बीच में जब उसकी डालियां बड़ी हो जाती हैं।तो आरमापुर इस्टेट के कर्मचारियों द्वारा उन्हें काट दिया जाता है।लेकिन पेड़ की जड़ें जमीन के अन्दर तक प्रवेश कर गयी हैं।तो वह पेड़ बार-बार नये जोश से पुनः उठ कर खड़ा हो जाता है।अतः ऐसा मालूम होता है कि मानो प्रकृति मानव शक्ति को चुनौती दे रही हो।बिजली के खंभे की जुबानी कविता कुछ इस प्रकार है। मैं हूँ एक निष्क्रिय बिजली का खंभा, लौह रेत सीमेंट से संवरा मेरा गात। खड़ा अविचल मैं तमाम दशकों से, निहारता बाट जोहता पथिकों की। बना हुआ मैं उनका कुतुबनुमा, देखे हैं मैंने अनगिनत बसन्त। कड़क ठंड और जलते सूरज ने, ली है मेरी कठिन परीक्षा। कभी मुझमें भी बहती थी विद्युत धारा, जिससे रोशन होती ...
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