तिरंगा झंडा- एक कविता
तिरंगा झंडा- एक कविता
अरमान सभी के फलें फूलें औ पुष्पित होयें, सब झंडे तले तिरंगे के।
युवा बाल वृद्ध सब वतन के प्रहरी, हर जन जन की है शान तिरंगा।
शान मे इसकी गुस्ताखी की करे जो जुर्रत,शमशान उसे सब पहुँचायें।
मर मिटने का जज्बा है हर दिल में, वतनपरस्ती रग-रग में लहरायें।
रचनाकार- राजेश कुमार, कानपुर
टिप्पणियाँ