क्या जाने ? -एक कविता


क्या जाने ? -एक कविता
जिसने देखी ना धूप कभी वो भुलभुल की गरमी क्या जाने ?
जिसने खाया ना आम कभी वो टपका की खुशबू क्या जाने ?
जिसने गाया ना गीत कभी वो सरगम की लय को क्या जाने ?
जिसका हरदम हो पेट भरा वो सूखी रोटी की कीमत क्या जाने ?
करिया अक्षर भैंस बराबर वो अनपढ़ सुलेख वर्तनी क्या जाने ?
है कातिल हाथों में शमशीर लिये वह पीर परायी क्या जाने ?
रचनाकार- राजेश कुमार, कानपुर

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

बिजली के खंभे पर पीपल का पेड़ - एक कविता

एक कड़वा सच- एक विचार