तुलसी- एक कविता



तुलसी   


विरवा तुलसी का आँगन सजे करें देवता वास।
नित जल तुलसी को अर्पण करें पूरी होये आस।
बेल पत्र तुलसी सुमन शिव जी के शीस चढ़ाय।
नित तुलसी दल सेवन करे तन निर्मल हो जाय।

रचनाकार- राजेश कुमार,  कानपुर

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