ऑडी पानी और हवा से डीजल ईंधन बना रही है
ऑडी पानी
और हवा से डीजल ईंधन बना
रही है
ऑडी ने
सल्फर युक्त परंपरागत जीवाश्म ईंधन के विपरीत सिर्फ पानी और हवा का उपयोग करके एक
सिंथेटिक डीजल ईंधन "ई-डीजल" का उत्पादन शुरू कर दिया है। सीएनएन डॉट
कॉम की रिपोर्ट के मुताबिक जर्मन ऑटोमोबाइल कंपनी आडी एक वैज्ञानिक "तरल की
शक्ति" प्रक्रिया के माध्यम से इस स्वच्छ ईंधन को बनाने की प्रक्रिया के करीब
पहुँच चुकी है।इस प्रक्रिया में उसे आडी पार्टनर सनफायर तथा जर्मन कलीन टेक कम्पनी
सहयोग प्रदान कर रही हैं।ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरिंग कंपनी इस अति कुशल कार्बन रहित
ईंधन को बनाने के लिए जीवाश्म ईंधन जलाकर तथा उसे रिसिकिल कर ,सबसे आम ग्रीन हाउस
गैस यानि कि कार्बन डाइऑक्साइड का उपयोग करेगी। ऑडी के शोधकर्ताओं ने सबसे पहले स्टीम
यानि भाप को 800 डिग्री सेल्सियस से अधिक ताप में गर्म कर उसे हाइड्रोजन और
ऑक्सीजन में तोड़ दिया और फिर वे उच्च दबाव और तापमान पर हाइड्रोजन को कार्बन
डाइऑक्साइड के साथ मिलाकर नीले कच्चे तेल में
बदल दिया।फिर जिस प्रकार क्रूड आयल को गैसोलीन में परिस्कृत किया जाता है उसी
प्रकार नीले कच्चे तेल को परिस्कृत किया गया।सनफ़ायर के क्रिस्टियन वॉन ओल्शेसेन
ने कहा कि इस ई-डीजल का जर्मन शिक्षा और अनुसंधान मंत्री जोहन्ना वांका में सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था,यह ई-डीजल इंजनों
को कम आवाज में चलाने के साथ और कम प्रदूषकों का उत्सर्जन करेगा।वांका ने कहा
परीक्षणों में अगर वे ईंधन उत्पादन में कच्चे माल के रूप में कार्बन डाइ आकसाइड का
व्यापक रूप में इस्तेमाल कर पाते हैं तो यह जलवायु संरक्षण और संसाधनों के कुशल
उपयोग में महत्वपूर्ण योगदान देगा और ग्रीन इकोनोमी की बुनियादी बातों का संरक्षण
करने में भी सक्षम हो सकेगा।सनफायर अगले कुछ महीनों में "ई-डीजल" के
3000 लीटर से अधिक का उत्पादन करेगा।इस ई-डीजल की कीमत बिना टैक्स के 1.10 से 1.30
डॉलर प्रति लीटर होगी।जिससे भविष्य में परम्परागत डीजल आयल से छुटकारा मिल सकता
है।
प्रस्तुति-राजेश कुमार
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